Saturday, March 31, 2018

प्रकृति सृजन और अपनी विलुप्ती को कम करने की प्रक्रिया में....गौरैया


संजय कुमार / गौरैया ...प्रकृति को तोहफा और अपनी विलुप्ती को कम करने की प्रक्रिया में । 31 मार्च 2018 सुबह सुबह गौरैया जोड़ा प्रजनन कीड़ा में दिखा...... अभी इनका सीजन चल रहा है। एक राउंड गौरेया का बच्चा निकल चुका है।
ये प्रजजन कीड़ा बड़े ही खास अंदाज में करते हैं। पहले ये जोड़ा बनाते हैं। प्रजजन के समय आते ही कई दिनों तक नर गौरैया मादा के इर्द गिर्द घूमता है। अजीब सी आवाज निकाल कर बुलाता है।
मादा के आने पर यह खुशी से नाचता है। इस दौरान सुरीली आवाज निकालता है। फिर ये प्रेम में डूब जाते हैं। दोनों उड़ते हुए एक दूसरे के पीछे भागते हैं। भागते भागते मादा एक जगह देख बैठ जाती है। नर गौरैया उड़ते हुए ही आता है और प्रेम में डूब जाता है। इस दौरान नर की आंखों में अजीब चमक आती है।
10 से 20 सेकेंड के कई समय चक्र में नर प्रेम करता है। इस दौरान मादा नहीं उड़ती है केवल नर उड़ता है और उस पर बैठता है। इस दौरान वह पंख खुले रहते हैं।

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