Friday, March 23, 2018

विश्व गौरेया दिवस(20 मार्च)पर जागरूकता अभियान; एकदिवसीय चित्र प्रदर्शनी का आयोजन


गौरेया संरक्षक संजय कुमार के गौरेया से संबंधित खीचीं गई तस्वीरों पर आधारित है चित्र प्रदर्शनी
पटना .पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी), सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, पटना द्वारा विश्व गौरेया दिवस पर आज कर्पूरी ठाकुर सदन, आशियाना-दीघा रोड, पटना में गौरेया संरक्षण पर चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। पीआईबी, पटना के सहायक निदेशक (एम एंड सी) एवं गौरेया संरक्षक संजय कुमार द्वारा गौरेया से संबंधित खीचीं गई तस्वीरों पर आधारित इस एकदिवसीय चित्र प्रदर्शनी का मुख्य उद्येश्य लोगों को गौरेया संरक्षण के प्रति जागरूक करना था। इस अवसर पर पीआईबी एवं क्षेत्रीय आउटरिच ब्यूरो (आरओबी), पटना के अपर महानिदेशक मयंक कुमार अग्रवाल, निदेशक दिनेश कुमार, एवं क्षेत्रीय आउटरिच ब्यूरो (आरओबी), पटना के निदेशक विजय कुमार, पीआईबी, पटना के सूचना सहायक पवन कुमार सिन्हा एवं सूचना सहायक भुवन कुमार, आरओबी के प्रदर्शनी सहायक मनीष कुमार सहित सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के विभिन्न मीडिया ईकाइयों के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।
प्रदर्शनी के उद्घाटनकर्ता एवं मुख्य अतिथि पीआईबी एवं आरओबी, पटना के अपर महानिदेशक मयंक कुमार अग्रवाल ने कहा कि इस चित्र प्रदर्शनी का मुख्य लक्ष्य नई पीढ़ियों को गौरेया संरक्षण के प्रति जारूक करना है। श्री अग्रवाल ने कहा कि शहरीकरण की बढ़ती प्रवृति और कृषि कार्यों में प्रयोग किए जाने वाले पेस्टिसाइड्स ने गौरेया पर बुरा प्रभाव डाला है जिसका नतीजा यह हुआ कि कभी हमारे घर-आंगन में फुदकने वाली यह पक्षी आज हमसे दूर होते जा रही है। उन्होंने कहा कि गौरेया संरक्षण के साथ-साथ अन्य जीव-जंतुओं के प्रति भी हमारे मन में श्रद्धा हो। वहां मौजूद लोगों से अपील करते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि पशु-पक्षियों के संरक्षण के लिए बड़े प्रयास न भी कर सकें तो कम से कम दाना-पानी की ही व्यवस्था कर दें।
इस अवसर पर पत्र सूचना कार्यालय, पटना के सहायक निदेशक (एम एंड सी) एवं गौरेया संरक्षक श्री संजय कुमार ने कहा कि गौरेया अब मेरे जीवन का हिस्सा बन गया है। उन्होंने कहा कि गौरेया संरक्षण के प्रयास के अलावा दूसरे अन्य पक्षियों को भी दाना-पानी देना दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। श्री कुमार ने कहा कि चित्र प्रदर्शनी का मुख्य उद्येश्य लोगों को गौरेया के प्रति जागरूक करना है।
गौरतलब है कि चित्र प्रदर्शनी में शामिल तस्वीरों को शब्द देने का काम पीआईबी, पटना के निदेशक दिनेश कुमार ने दिया है। दरअसल, प्रदर्शनी के सभी चित्रों के लिए काव्यात्मक कैप्शन भी इस एकदिवसीय चित्र प्रदर्शनी का आकर्षक पक्ष है। उन्होंने कहा कि घर आंगन से गुम गौरेया को वापस बुलाने का संदेश लोगों को यह प्रदर्शनी दे रही है। उम्मीद है कि लोग इस पहल से जुड़ेंगे।

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