संजय कुमार /
जी, नमस्ते...... मैं हूँ छुटकी आपकी 'बच्चा गौरैया' ....
आप मेरा और मेर भाई-बहन का ख्याल रखिये. घोषले से अब हम बाहर आ रहे हैं .यह सिलसिला अगले कई माह तक चलेगा ..कौआ हम पर नजर गड़ाए हुए है.हम जब घोषाला से नीचे गिर जाते है तो कौआ. झपटा मार हमें ले उडता है और अपना आहार बना लेता है. मेरे छोटे छोटे ममी पापा देखते रह जाते हैं...
अपील तो नहीं आग्रह करती हूँ कृपया जहाँ-जहाँ मेरे भाई -बंधु घोषले में हैं आप नजर बनाये रखिये ताकि घोषले से गिर जाये तो आप हमें उठा कर घोषले में रख दें...
कल भाई नरेश जी ने बताया कि एक गौरैया का बच्चा उनके घर के पास मरा हुआ मिला. उनके घर के आस पास बहुत गौरैया रहती है . शायद किसी का बच्चा घोषले से गिर गया और दाना -पानी के अभाव में या गर्मी से दम तोड़ दिया .
जहाँ जहाँ हमारे भाई-बंधु है प्लीज दाना पानी रखिये साथ ही हमारा संरक्षण भी कीजिये. तभी हम विलुप्ती के दायरे से बाहर आप पाएंगे ...नन्ही सी जान हूँ न .और हाँ #सरकार दादा से भी आग्रह है. जहाँ हम है उस इलाके को चिन्हित कर हमारे लिए थोडी व्यवस्था कीजिये ...तभी आपका *विश्व गौरैया दिवस ...कार्यक्रम में हमें संरक्षित करने का आह्वान सफल होगा.
.....................आपकी प्यारी छोटी चींची.
Great job sir
ReplyDeleteGreat work sir
ReplyDeleteNice sir
Deleteबहुत अच्छा है sir
ReplyDeleteगोरैया संरक्षण के लिए अति संवेदनशील अभियान को सलाम - पी सी ठाकुर
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